Saturday, March 31, 2018

काला

#काला
क्यों नफ़रत है काले रंग से जब पूजते श्याम और काली को,शादी के लिए रंग चाइए गोरा भले क्यों न दिल से खाली हो।

आंखो में काजल लगा के यू जो इतराते हो,नज़र से बचाने के लिए काला टीका क्यों लगाते हो??

काला धागा बांध के जो बेखौफ यू हो जाते हो,क्यों काले कवो को बुला के खाना खिलाते हो।

गोरे मुखड़े पर काले तिल की तारीफ़ किए थकते नहीं,और कोई काली बिली रास्ता काट जाए तो उसे आगे बढते नहीं।

इतना जो मन में संकोच लिए बैठे हो क्यों अपने कंधो पर अंधविश्वास का बोझ लिए बैठे हो।

रंग के जंजाल में कबतक रहोगे इस हाल में, सबको राख होना है एक दिन मत करो गुरूर इस खाल पे।

#mani

Friday, March 9, 2018

Parmotion of life

#तरक्की
कभी सोचता हूँ अकेले मैं बैठे कभी के क्या जिंदगी में तूने कमाया है,
जवाब एक ही मिलता है थोड़ा पाने के लिए तूने बहुत कुछ गवाया है।

न सुकून मिला न खुशि पर फ़िक्र ने उम्र भर साथ निभाया है,
किसे सुनाये अपनी हमने तो दूसरों की हस्सी के लिए खुद को सताया है।

न आंसू बचे न मुस्कान रही होंटो पर वक़्त किसका हुवा,
बड़ी देर लगी समझने में के गया समय कभी लौट के नहीं आया है।

कुछ चन्द पैसों के लिए मैंने कई अनमोल लम्हें खोये है,
सबकों हस्सी देकर अक्सर हम अकेले में खूब रोये है।

आगे बढ़ने के लिए असली खुद को कही दूर पीछे छोड़ आया हूँ,
अब तो दिखावे की दुनीया है जो पसंद है वहीँ लाया हूँ।

सबको वो सुनाया जो वो सुनना चाहते रहे,
अक्सर कुछ अपनों के लिए हम कुछ अपने गवाते रहे।

तरक्की इतनी हुई के अब अपने अंदर के बच्चे को मारके हम बड़े हो गए, 
मासूमियत का गाला दबा के चालाकी संग दोस्ती करके अपने पैरों पर खड़े हो गए।

:= मनीष पुंडीर

तीन बहनों का एक भाई

                 मैं  तीन बहनों का एक भाई था और वो भी उनसे बड़ा, बचपन से ही उनकी परवाह करता रहा मां ने सिखाया था। मेरा बचपन थे वो अभी हाल ही...