Wednesday, August 23, 2017

प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.


#अहसास
इतने सालों में जो फासले हुवे बहुत अरसा लगा मुझे सम्भलने में,
कोशिश भी की और बहस भी खुद से वक़्त लग गया अधूरे को पूरा करने में।


ख़त्म हो चला है वो अहसास जो बरसों से बचाए रखा था,
हिम्मत और उमीद के साथ भेज दिया उसे भी जो ख़्वाब दिल में सजाये रखा था।


न आँसू निकले न दर्द हुवा बेजान हो चला जो रिश्ता बस अब बहुत हुवा,
मज़बूरियों की जीत हुई चलो बहुत हुवा तमाशा आखिरकार ख़त्म हुवा।


न खुशि बची न आँसू ......ख्वाईशो का क़त्ल भी क्या कम हुआ ?,
 दिलासे तो खूब मिले यारों पर न दुवा हुई न ही मरहम हुवा।


अब क्या रातों का हिसाब लूँ मेरी नींद भी मुझसे नाराज़ है,
कुछ नहीँ बचा मेरे पास बस यही कुछ दो कौड़ी के अल्फ़ाज़ है।


कहते है देर आये दुरुस्त आये पर देर इतनी हो चली हैं के अब दुरुस्त होने लायक कुछ बचा नहीं, सोचता हूँ मैं तो सच्चा भी था और सिद्दत भी पूरी फिर भी शायद उस "अहसास" को मैं जच्चा नहीँ।
#mani

No comments:

तीन बहनों का एक भाई

                 मैं  तीन बहनों का एक भाई था और वो भी उनसे बड़ा, बचपन से ही उनकी परवाह करता रहा मां ने सिखाया था। मेरा बचपन थे वो अभी हाल ही...