Thursday, August 31, 2017

प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.

#खुशी_कहाँ_है ??
खुशी है...
अपनों के प्यार में,माँ के बनाये आम के आचार में.…
हर पहली चीज में पहली नौकरी पहली सैलरी पहला प्यार पहली कार.…

बच्चे की पहली हसी में,दिल को छूती बात पर आँखों की नमी मे.....
माँ के हाथ के खाने में,युही किसी ख्याल से मुस्कुराने में.…

पापा के घर जल्दी आ जाने में,बिन मौसम बरसात में नहाने में.……
महीनो पुरानी रखी चीज जब अचानक मिल जाये,जब तुम्हारे लगाये पोधे पर फूल खिल जाये।

सबके साथ टॉम एंड जेरी देखने में,यारो संग लम्बी लम्बी फेकने में …
बहनो संग बिना बात लड़ाई में,एग्जाम से एक दिन पहले रात की पढ़ाई में.........

क्लास में यारों संग मिली सज़ा पर,उस गली में बार बार बहाने से जाना जिसमे है उसका घर...
किसी हमदर्द क साथ युही पैदल चलने पर,खाली हो जेब और रस्ते में पैसे रूपए पड़े मिलने पर...

पहली सैलरी से पापा को टाई देने पर,उसी टाई को देख पापा का गले लगा कर रोने पर....
हिम्मत करके पूछने पर जब हाँ आये उसका जवाब,जब ड्राई डे पर मिल जाये शराब...

नहाते नहाते गाना गाने में,किसी अपने की सरप्राइज बर्थडे पार्टी सजाने में...
तत्काल में टिकट कन्फर्म पर,घरवालो के सामने एडल्ट एड् की शर्म पर....

दोस्त की १२ बजे बर्थडे की कॉल में,धोनी के विनिंग शॉट में मेस्सी के गोल में.....
सर्दी में अदरक वाली चाय की,बिना लॉक के मिले वई-फ़ाई की.....

कैंडी क्रश का लेवल जब आसानी से पार हो जाये,जब प्रेजेंटेशन पूरी ना होने पर बॉस ना आये....
ईद पर शिर के स्वाद में,नमकीन के प्लेट पर झपटा मेहमानो क जाने के बाद में.…

सबको पीछे छोड़ पतंग लाने में,माँ क पीटने पर उनसे ही लिपट जाने मे..
आपके यो यो हनी सिंह के रैप पर,जब जोक्स यारो के आये व्हाट्सप्प पर....

इंडिया के पाकिस्तान को हराने की,तेरे क्रश का तुम्हे देख कर मुस्कुराने की......
फेसबुक पर जब फोटो पर 100 लाइक आने से,जब ऑफिस से छूटी मिल जाये झुटे बहाने से…

ये सब पढ़के आपके चहरे पर जो आई है, मेने वही खुशी लिखने मे पायी है…
:-मनीष पुंडीर

Tuesday, August 29, 2017

प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.

#अधूरा
ये जो अधूरा अहसास है समझा ही नहीं पाता ख़ुद को के तू दूर है या पास है ??,
कहने को सब है यहाँ पर
औरो को क्या पता के तेरे साथ जिया करते थे अब तो जिंदा लाश है।


दिल मे एक मर्ज़ है जो लाइलाज़ है
सब कुछ नीरस है बस एक उमीद का साथ है,
वो अलविदा था बेवफाई आज भी वो अधूरी बात है।

ज्यादा कुछ नहीं मिला तुझपर जिंदगी ख़र्च करके
एक यादों की तिज़ोरी है जो संजो कर रखी है,
रोज़ तकिये पर दिल के तराज़ू में तोलता हु तो
 आज भी तेरे लिए उन यादों की कीमत दो- कौड़ी की लगती है।


आओगे कभी तो दिखयंगे के सांसे
अभी भी चल रही है बस वज़ह बदल गई है,
पहले तेरी सांसो में घुल जाती थीं आजकल तन्हा भटक रही है।
 #mani
प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.


#उमीदें
ख़ुद में हो लाख दोष पर आरज़ू सब ख़ास की रखते है,
अरे जनाब फायदों को अपने लोग जी हजूरी करते कहाँ थकते है।

ग़लती पर अपनी रहम की उम्मीद रखने अक़्सर औरो को सज़ा दिया करते है,
जीवन की कड़वी सच्चाई मरना यहाँ कोई नहीं चाहता पर ईच्छा यहाँ सब स्वर्ग की रखते है।


अपने दामन में चाहे कई सुराख़ सही पर दूसरों के दाग भी सबकों बड़े लगते है,
बड़ी मौका परस्त हैं दुनीया अक़्सर लोग दोस्त बना के ठगते है।


बहुत से मिलेंगे मशवरे देने वाले बस साथ देने वालों की गिनती में गिरावट है,
 फायदे के कायदे है बचे वरना आजकल तो भावनाओँ में भी मिलावट है।
#mani

Friday, August 25, 2017

प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.

ये उन सभी उनके लिए जो हमारी जिंदगी में
एक माँ, बहन, दोस्त, बीवी ,बेटी और ऐसे
 कई क़िरदार बिना किसी शर्तों के निभा रही है।
#तुम
तूने जन्म से पहले ही मुझे कर्ज़दार कर दिया
पर मैंने फ़िर भी पैदा होते वक़्त तुझे बहुत दर्द दिया,
 दुनियां के लिए मैं कभी खास न था पर तूने हर बार मेरी नज़र उतारी
और सबने भले मुझे नकारा पर तूने हर वक़्त मेरा साथ दिया।


यू तो लड़ते रहे बचपन भर पर
 राखी के दिन तुझे बड़ा प्यार आता है,
बड़ा खास होता है ये रिश्ता
परवरिश में ही इज्ज़त करना सिखाता है।


फिर आती है वो दोस्त बनकर और
तमीज़ सिखाती है जँगली से तुम्हें इंसान बनाती है,
तेरी बेज़्ज़ती भी करती है पर
 कोई तुझे कुछ कहे तो उसे भी लड़ती है।


अपना सब छोड़ के सिर्फ तेरे लिए वो आती है
तुझपर भरोसा रख जिंदगी भर साथ निभाती है,
 सबका पंसद न पंसद का ख़्याल रखती है
बस अपने ख़्याल की इसे सुध नहीं रहती है।

जब जन्म लेती है घर मे ये तो
घर को पवित्र कर देती है,
लौट आता है बचपन संग इसके
बड़े नसीब वाले होते है जिनको बेटी है।
#mani

Wednesday, August 23, 2017

प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.


#क़दर
कोई अगर करे कोशिश तेरे होंटो की हँसी को तो संभाल कर रखना,
हर किसी को नसीब नहीं होता उसका मुक्कमल सपना।


ऐसा नहीं है के हमें पाने की आरज़ू और नहीं रखते ,
वो और बात है के हम ऐसे ख़्याल को ही ख़्याल में नहीं रखते।


कहने भर से वादे पूरे नहीं होते कोशिशों को मनाना पड़ता है ,
प्यार एहसास है बताने से बात नही बनती जताना भी पड़ता है।


चीज़े अगर आसानी से मिल जाये तो उनकी एहमियत का पता नहीं चलता,
रोटियां भी तभी पकती है जब तक हाथ नहीं जलता ।


फ़र्क इतना ही है कुछ रुकमणि होती है तो कुछ सिर्फ मीरा रह जाती है ,
क़दर करलो मौका है बाद में सिर्फ मायूसी रह जाती है।
#mani
प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.


#अहसास
इतने सालों में जो फासले हुवे बहुत अरसा लगा मुझे सम्भलने में,
कोशिश भी की और बहस भी खुद से वक़्त लग गया अधूरे को पूरा करने में।


ख़त्म हो चला है वो अहसास जो बरसों से बचाए रखा था,
हिम्मत और उमीद के साथ भेज दिया उसे भी जो ख़्वाब दिल में सजाये रखा था।


न आँसू निकले न दर्द हुवा बेजान हो चला जो रिश्ता बस अब बहुत हुवा,
मज़बूरियों की जीत हुई चलो बहुत हुवा तमाशा आखिरकार ख़त्म हुवा।


न खुशि बची न आँसू ......ख्वाईशो का क़त्ल भी क्या कम हुआ ?,
 दिलासे तो खूब मिले यारों पर न दुवा हुई न ही मरहम हुवा।


अब क्या रातों का हिसाब लूँ मेरी नींद भी मुझसे नाराज़ है,
कुछ नहीँ बचा मेरे पास बस यही कुछ दो कौड़ी के अल्फ़ाज़ है।


कहते है देर आये दुरुस्त आये पर देर इतनी हो चली हैं के अब दुरुस्त होने लायक कुछ बचा नहीं, सोचता हूँ मैं तो सच्चा भी था और सिद्दत भी पूरी फिर भी शायद उस "अहसास" को मैं जच्चा नहीँ।
#mani

Sunday, August 20, 2017

प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.

#ख्यालों_में
बचपन से अब तक बहुत से ख़्याल आये,
 कुछ ऐसे सवाल भी थे जो कभी न सुलझा पाए।

बचपन से अभी तक जिंदगी आधी गुज़री सुकून की आस में
बाकी आधी कुछ बेहतर के प्रयास में।

यहाँ सब डूबे हैं एक ही ख़्याल में ,
आजकल खुश कौन है अपने हाल में ???

किसी को पैसे का नशा तो कोई नशे में गुम है,
सबको यहीँ लगता है सबसे बदनसीब हम है।

होता एक आईना जो सचाई दिखाता,
 सब दूसरों को भेजते सामने उसके कोई न जाता ।।

सच बोलने से लोग नाराज़ हो जाया करते है,
अपनी चिंता छोड़ लोग दूसरों की फिक्र में वक़्त जाया करते है।

कड़वी दवाई सी सचाई है दुनीया की मतलब के ही रिश्ते होते,
तभी तो एक ज़मीन के चार हिस्से होते है।
#mani

बहनें...

प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.                ...