प्रयास कुछ बेहतर के लिए.....
सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.
#सब
सब बिकता है यहाँ मिट्टी तवा बनकर,
फ़ितरत बदलते देखा है मैंने दारू को दवा बनकर।
आसमा को भी देखा रंग बदलते मौसम के साथ में,
लोगों को देखा मैंने एक दूसरे को आंकते औकात में।
#सब
सब बिकता है यहाँ मिट्टी तवा बनकर,
फ़ितरत बदलते देखा है मैंने दारू को दवा बनकर।
आसमा को भी देखा रंग बदलते मौसम के साथ में,
लोगों को देखा मैंने एक दूसरे को आंकते औकात में।
मैंने वक़्त बेचते देखा है मरते किसी को देख लोगों को आँखे सेकते देखा है,
काम से है नौकरी-यारी-रिश्तेदारी है वरना मतलब के बाद मैंने लोगों से लोगों को अलग होते देखा है।
झूठ बिकता अख़बार में...यहाँ सच भी बिकाऊ हैं...दाम तो लगाओ यहाँ सब कीमत के वफ़ादार है, हारने के ज्यादा पैसे है जीत की अब अहमियत कहाँ... कर्म कोई करना नहीं चाहता पर फल के सब यहाँ हकदार है।
#mani
काम से है नौकरी-यारी-रिश्तेदारी है वरना मतलब के बाद मैंने लोगों से लोगों को अलग होते देखा है।
झूठ बिकता अख़बार में...यहाँ सच भी बिकाऊ हैं...दाम तो लगाओ यहाँ सब कीमत के वफ़ादार है, हारने के ज्यादा पैसे है जीत की अब अहमियत कहाँ... कर्म कोई करना नहीं चाहता पर फल के सब यहाँ हकदार है।
#mani
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