प्रयास कुछ बेहतर के लिए.....
सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.
#रास्तें
बचपन किस रास्ते जवानी को चला गया पता ही न पड़ा,
मैं था हाथ मे कुछ फाइले ऑफिस की लिए यहाँ मेरे जैसा ही कोई था दूसरी तरफ़ बेट लिए खड़ा।
बारिश का होना अब कीचड़ से ज़्यादा कहा रास आता है वो वक़्त और थे जब कश्तियां हमारी भी तेरा करती थी,
आज नौकरी के चक्कर में वक़्त का पता नहीं चलता वरना भाग जाते थे हम जब स्कूल खत्म होने की घंटी बजती थी।
#रास्तें
बचपन किस रास्ते जवानी को चला गया पता ही न पड़ा,
मैं था हाथ मे कुछ फाइले ऑफिस की लिए यहाँ मेरे जैसा ही कोई था दूसरी तरफ़ बेट लिए खड़ा।
बारिश का होना अब कीचड़ से ज़्यादा कहा रास आता है वो वक़्त और थे जब कश्तियां हमारी भी तेरा करती थी,
आज नौकरी के चक्कर में वक़्त का पता नहीं चलता वरना भाग जाते थे हम जब स्कूल खत्म होने की घंटी बजती थी।
बड़े इत्मिनान से खाते थे वो अचार पराठा जो माँ टिफ़िन में दिया करती थी,
कुछ तो बात थी बचपन में जो तब ज़ुबान झूठी कसमें खाने से भी डरती थी।
क्या वक़्त आ गया है अब छुट्टी मांगने के लिए किसी को भी बीमार बता देते है,
लोगों से एक कहो वो आगे चार लगा देते है।
अब वो बचपन के मासूमियत के रास्ते पर प्लोट काट के स्टेटस के दिखावे का मकान खड़ा हो गया ,
हम भी मुँहफट से डिप्लोमेटिक और हमारा भी बचपन बड़ा हो गया।
#mani
कुछ तो बात थी बचपन में जो तब ज़ुबान झूठी कसमें खाने से भी डरती थी।
क्या वक़्त आ गया है अब छुट्टी मांगने के लिए किसी को भी बीमार बता देते है,
लोगों से एक कहो वो आगे चार लगा देते है।
अब वो बचपन के मासूमियत के रास्ते पर प्लोट काट के स्टेटस के दिखावे का मकान खड़ा हो गया ,
हम भी मुँहफट से डिप्लोमेटिक और हमारा भी बचपन बड़ा हो गया।
#mani
No comments:
Post a Comment