Wednesday, October 8, 2014

सीमा से परे सुकून .........

जब हो उदासी।

        
  मैंने लोगों  को हर बार ये कहते सुना है "यार आज कुछ ठीक नहीं लग रहा,कुछ बुरा होने वाला है" बिना वजह परेशान होना तो जैसे आदत हो हमारी,पर कभी बिना वजह खुश रहने की कोशिश की???? मेरे गाँव  में एक दादी रो रही थी मैं उनके पास गया पूछा क्यों रो रहे हो तो उनका जवाब ये था "बेटा कुछ करने को था नही सोचा रो ही लू"। बिल्ली अपने रस्ते निकल जाती है और आपको लगता है आपका पूरा दिन बर्बाद कर गयी,उस बेचारी को क्या पता जितना लोग ट्रैफिक सिंग्नल देख के नहीं रुकते उतना तो उसके सामने रुकते है। पर बिना वजह उदासी से परे आज आपको खुश रहने की छोटी छोटी वजह देता हुँ,जो लम्हें  आप रोज़ाना जीते 
है पर कभी ध्यान नहीं देते। 
           
  अपने कभी सोचा है के गाने सुनकर आपको अच्छा क्यों लगता है इसलिए नही के वो आपके पसंद के है एक बात ज़रा ग़ौर करना जब मूड अच्छा होता है तो आप गाने का संगीत पसंद करते हो जब मूड खराब होता है तो उसी गाने के वर्ड्स पर ध्यान देते है,कभी बस या कार में सफर करते वक़्त हाथ ये मुँह बाहर  निकाल कर हवा को महसूस करना अजीब सी खुशी मिलेगी,आप कही थके हुवे आये और फिर आपको आपकी पसंद की चाय मिल जाये पूरी थकान उतर जाती है,जब नाक में माँ के हाथ से बने मनपसंद खाने की खुशबू जाती है तो भूख ख़ुद-ब-ख़ुद लग जाती है,कभी अकेले में खुद से बात की है अजीब लगेगा पर ख़ुद  को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।  



                   हमेशा आपकी समझ,तर्क से परे जहाँ आप खाली मन से निराशा होते तो सबका समझाना भी वो नहीं कर पाते जो एक लॉन्ग टाइट हग(गले लगना) से कमाल हो जाता है।कभी अकेले बैठे बैठे जब जैकी(pet) आपके पास आये और ऐसा करे मानों पूछ  रहा हो क्या हुवा?? जब अपनी ही पुरानी फोटो देख आपको हस्सी  आये जब ना कपड़े  पहने का ढंग था ना स्टाइल की समझ।कभी अगर सुबह जल्दी आँख खुले जब आसमान में उजाला हो पर सूरज न निकला हो और एक हलकी सी नारंगी रंग की परत आपकी आँखों में चमक रही हो,तो छत पर या निकलना एक बार मॉर्निंग वाक पर उस दिन सुबह से प्यार हो जयेगा।जब जन्मदिन पर खुद के हम एक रात पहले ही ख्यालों में मना लेते है,युही किसी दिन जल्दी पहुँचे ऑफिस से घर,आकर जब पापा शतरंज की एक बाज़ी संग खेल जाते है। 
                        
 जरूरी नहीं के जो सुकून मुझे मिलता है उन्ही कामो में आपको भी खुशी मिले पर कहते है कहानी बदल जाती है लफ्ज़ वही रहत है,आप भी आसपास देख़ो खुशी सुकून मिलेगा बस वजह बदल जयेगी और मन में शांति होगी तो ही जिंदगी सुहानी होगी।जिंदगी कुल्फी सी मेरे यार तुम स्वाद लोगें या बर्बाद करोगे पर कुछ भी करोगे पिघल के एक दिन खत्म जरूर होनी है………… और सबसे अच्छी बात ये जिंदगी की कुल्फ़ी डायबिटीज वाले भी खा सकते है.। 
 
:-मनीष पुंडीर 
                  



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