जिंदगी कैसी है पहेली हाय.?
याद है आनंद फिल्म की ये लाइन्स जिन्हे आज भी सुनो तो उतनी ही यथार्थ लगती है जितनी पहली बार सुनें में लगी थी.…।
" बाबूमोशाये , जिंदगी और मौत उपरवाले के हाथ है जहाँपनाह। उसे ना तो आप बदल सकते है ना मैं ,हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियाँ हैं जिनकी डोर उपरवाले की उंगलियो में बंधी है। कब……कौन.…कैसे उठेगा यह कोई नहीं बता सकता है। …हा हा हा हा '"
बहुत अजीब है अपनी ये जिंदगी हँसाने वाले बहुत मिलते है पर याद हमेशा रुलाने वाला ही आता है.…
यहाँ लोगों की तमनाये ख़त्म नहीं होती जाना सब स्वर्ग चाहते है,पर मरना कोई चाहता नहीं ……।
जिंदगी क्या है कितनी है सबके अपने फंडे है सबका अपना राग है,
किसी के लिए कल की फ़िक्र तो किसी के लिए बस आज है.
मज़बूरी-मुक्क़दर सबके हिस्से है सबके पास अपने अपने किस्से है
जयादा हँस भी लो तो भी आंसू निकल आते है और कभी एक हँसी हँसने को भी जी नहीं करता।
जिंदगी का सीधा हिसाब है कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ेगा,
जितनी हँसी लिखी है होटों पर उसके लियें आँखों को उतना ही रोना पड़ेगा ……
कोई जिंदगी पैसों के लिए खर्च कर देता है,बाकि कुछ दूसरों की खुशी में अपने मुनाफे की हँसी से खुश है!!!
कोई समुन्दर की मछली बनकर खुश है,तो कोई तालाब का मगरमच्छ होकर सुकून में है..........
कुछ जिंदगी एक ही काम में लगा देते है तो कुछ एक ही जिंदगी में सारे काम कर जाते है.…
सुकून तेरा कहाँ है? ये तुझे ही चुन्ना है,कोई और नहीं आने वाला तेरी खुशी के लिए तुझे ही लड़ना है.
जाना एक दिन सबने है पर जाने के बाद कौन तुझे कैसे याद करता है ये तेरे आज पर निर्भर है,
तू जिंदगी में अपनों को कमाता है या कुछ चीजो के लिए उनको गवाता है ये सिर्फ तुझ पर है.……।
तेरे रोने से उसी को फर्क पड़ेगा जिसके आंसू पोछने तू कभी गया होगा,
उसी से मांगने ही हिम्मत होगी तेरी जिसे कभी कुछ दिया होगा।
कड़वी सचाई है जिंदगी की सभी यहाँ मतलब से जुड़े है,हिसाब यहाँ बाप-बेटे में भी है।
आाजकल उलटी गंगा बह रही है,अपनी खुशी से जायदा दूसरों का दुःख अब लोगो को सुकून देता है।
कल की फ़िक्र में आज की हँसी अगर खोता जयेगा,तो ना तेरा वो कल आएगा ना आज को जी पायेगा....
कुछ नहीं हासिल होगा तुझे फिर आखिर में तू किस्मत को रोता जयेगा।
:-मनीष पुंडीर
आखिर में ग़ालिब का शेर जो बहुत खूब सिखाता है जिंदगी का फलसफा
"कुछ इस तरह मैंने जिंदगी को आसान कर लिया,
किसी से मांग ली माफ़ी और किसी को माफ़ कर दिया।"
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